
अगर हमे चुदाना नहीं था तो मै कौन तेरे ग़ौर का लंड जैसे लंड से अपनी चुत फट्वती. अब जल्दी से चुदाई शुरू कर और मेरी चुत को भोसरा बना. साला चुत में लंड पेलने के बाद पूछता है क़ी चुदाई शुरू करून या नहीं?"
मै नमीता को उसके कहने के मुताबिक चुदाई शुरू किया लेकिन उसको अभी भी दर्द हो रहा था और इसलिए वो बर्बर रही थी, "बहनचोद, पर्रे चुत मुफ्त मैं चोदने को मिल गयी है इस लिये मेरी चुत फाड रहे हो." मै उसको चोदना चालू रखा और थोरी देर के बाद नमीता को भी मज़ा आने लगा और अब व्हो चिल्ला रही थी, "है! क्या चुदाई है, और जोर जोर से मुझे चोदो, अब मेरी चुत में चीतियन रेंग रही है, है! कुछ करो. और जोर से मरो, तुम्हे मेरी कसम मेरी चुत क़ी फिकर मत करो बस ऐसे ही जोर जोर से अपना लंड मेरी चुत में पलते रहो. "
मै नमीता क़ी बात सुन कर खुस हो गया और उसकी चुत क़ी तरफ देख्तने लगा. उसकी चुत से बूँद बूँद कर खून निकल रहा था. मै समझ गया क़ी नमीता क़ी चुत अभी तक किसी से चुदी नहीं थी और मैंने ही इस चुत क़ी साल तोड़ी है. मैंने नमीता से पूंचा क्या नीरज ने तुम्हे ऐसा चोदा कभी ? तो उसने कहा तुम ज्यादा नाटक मत करो.. मेरी चुत क़ी हालत देख कर भी नहीं समझे क़ी नीरज ने आज ताके मेरी चुत के अन्दर उसका पेंसिल का टुकड़ा डाला ही नहीं कहा मै समझ गया रानी..
तेरी चुत कुंवारी थी और आज से तेरा कुंवारा पण ख़तम हो gaya अब मै पुरे जोश में आगया और अपने कमर उचल उचल कर नमीता क़ी चुत में अपना लंड पेलने लगा. नीचे से नमीता भी अपनी कमर उचल उचल कर नहरे धक्के का जबाब दे रही थी और बदबदा रहे थी, "है मेरे चोदु रजा, और जोर से दहक्के मरो बहुत मज़ा अ रहा है. अगर मै जानती क़ी चुदाई में इतना मज़ा है तो मै बहुत पहले से पानी चुत में लंड पिलवाती, मरो मरो और जोर से चोदो, कुछ मत रखना अपने पास, सारा का सारा लंड मेरी चुत में दल दो."
मै भी जोर जोर से नमीता क़ी चुत में अपना लंड पेल रहा था और बदबदा रहा था, "है मेरी चुद्दाकर रानी, ले! ले! अपनी चुत में हुम्रारा लंड ले, खाजा अपनी चुत से मेरा लंड, तेरे चुत में तो दाँत नहीं है तो क्या हुआ अपनी चुत से मेरा लंड चूस चूस कर इसका सब रस पीजा." अब नमीता ने अपनी दोनों टांगो को मेरे कमर पर रख कर मुझे पाने दोनों हातों से पाकर लिया और बोल रही थी,
"बस अब कुछ मत बोलो और ऐसे ही छोड़ते रहो मुझको, मै अब तुमसे हमेशा ही चुद्वंगी, जब भी तुम्हारा लंड खरा हो मुझसे बोलना, मै अपनी चुत तुम्हारे लौरे के लिया खुली रखूंगी. हमलोग इसतरह एक-दुसरे से बाते करते हुए खुब जमकर चुदाई कर रहे थे और नमीता क़ी चुत से फच फच क़ी आवाज निकल रहा था. नमीता बोले, "है शाम! सुन रहे हो, मेरी चुत तुम्हारा लंड खा कर मस्त हो गयी है और गाना गा रही है." मै बोला, "है मेरी रानी! एह आवाज हम दोनों क़ी चुदाई क़ी आवाज है और तुम्हारी चुत जितना पानी चोरेगी आवाज उतना ही मधुर होगा. तुम्हे मेरा लंड क़ी चुदाई पसंद आरहा है न? नमीता अपनी कमर उचलते हुए बोले,
"अबे चूतिया, अगर मुझे तुम्हारा लंड और तुम्हारे लंड क़ी चुदाई पसंद नहीं होता तो क्या मै इसतरह तुम्हारे नीचे नंगी अपनी टांग उठाई पानी चुत में तुम्हारा लंड लती? बस अब बहुत बाते कर चुके अब जरा मन लगा कर जम के नहरे चुत चोदो." थोरी देर बाद नमीता बोले, "है और जोर से चोदो, मेरा पानी छूटने वाला है. आने दो तुम्हारा लंड नहरी चुत में. तुमभी अपने लंड मेरी चुत में झरो, है अब मै झरने वाली हूँ, बस ऐसे ही पलते रहो."
मै भी दाना-दान नमीता क़ी चुत में अपना लंड पेल रहा था और उससे बोला, "है मेरी रानी, मै भी अब झरने वाला हूँ, ले अब ले नेहरा लंड का पानी अपने चुत से पी-जा, है अब मै तेरे चुत में अपना लंड का पानी चोरने वाला हूँ. अपनी टांगो को और फैला दे, अपनी हातों से अपनी चुत को और खोल और अब मै झरने वाला हूँ." इतना कहते ही मै नमीता के चुत में दो चार कास कास कर धक्के मरे और झर गया.
नमीता क़ी चुत भी नहरे लॉरे के झरने के साथ ही झर गयी और हम लोग एक दुसरे से चिपटे हुए १०-१५ मिनुतेस के लिए पर्रे रहे. फिर मैंने अपना लंड नमीता क़ी चुत से निकला. लंड निकलते ही नमीता क़ी चुत से सफ़ेद पानी क़ी धर निकलने लगी और उसकी गंड से हो कर बिस्तर पर गिरने लगी. मैंने नमीता से कहा, "नमीता बिस्टर ख़राब हो गायेगा और यह दाग बहुत हो मुस्किल गायेगा, अब तुम उठो और जा कर अपनी चुत और गंद को धोलो." नमीता मुस्कुराते हुए बोले,
मै कैसे बाथरूम में जून, तुमने तो मेरा सारा बदन ही तोंर दिया, अभी तक मेरे सरे बदन में चुदाई का क्नेहर चढ़ा हुआ है और फिर बाथरूम नहरे बहन के कमरे से होकर जाना परेगा." फिर मैंने नमीता क़ी पेतोकोअत से उसकी चुत और गंड पोंछ डाली, . अब नमीता उठी और मेरे लौरे को पाने मुंह में ले कर उसको कहते लगी और नमीता लंड को अपने जिव से चाट चाट कर उसको साफ कर दिया. इस तरह अह उस्दीन हमलोग ने यह चुदाई क़ी. .. बाद में पता चला क़ी नीरज तो नपुंसक था ... इसलिए वो और उसकी बीवी इतनी जल्दी मान गये थे॥ खर मुझे इससे क्या में तो अब जब चाहुगा नीराज क़ी बीवी से मजा लूंगा॥
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