Hindi Story मौसेरी बहन सविता की चुदाई
बात उसकी समझ में आने लगी, वो बोली- ठीक है पुनीत, तुम्हारे लिये मैं यह दर्द सह लूगीं, पर तुम थोड़ा सा तेल अपने लोड़े पर लगा लो।
मैंने कहा- ठीक है।हमने तेल ढूंढना शुरू किया तो उस कमरे में तैल तो नहीं मिला पर दूध में से मलाई अपने लौड़े और उसकी चूत में लगा दी। अब मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में डालना शुरू किया। लौड़े का सुपारा उसकी चूत में जाते ही उसकी चीख निकल गई, मैंने अपने हाथों से उसके मुंह को सील कर दिया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा।
थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और उसने अपने चूतड़ उछालने शुरू कर दिये। पूरा कमरे में एक संगीत सा बजने लगा। उसके हाथ लगातर मेरे चूतड़ पर घूम रहे थे और वो कभी कभी अपनी उंगलियाँ मेरी गाण्ड में डालने की कोशिश कर रही थी जिससे मेरा जोश और भी बढ़ जाता था और मैं और ज़ोर से धक्के मारने लगता। मेरे पूरा लण्ड जब तक उसकी चूत में था और मेरे आण्ड उसकी गाण्ड से टकरा रहे थे। लगातार धक्के मारने के वजह से मैं झड़ने वाला था। इसलिये मैंने लण्ड उसकी चूत से निकाल कर पानी उसके पेट पर झड़ा दिया। मैंने देखा उसकी चूत से खून निकला हुआ था। मेरा लण्ड भी लाल हो रहा था।
यह देखते ही सविता बोली- तुमने आज मेरी सील तोड़कर लड़की से औरत बना दिया है। आई लव यू ।
वो मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- मुझे कभी भूल तो नहीं जाओगे पुनीत।
मैंने कहा- नहीं जान, मैं तो तुम्हारी शादी होने के बाद भी तुम्हें चोदना चहता हूं।
बहुत देर तक ऐसे ही एक दूसरे हो चूमते और सहलाते और बातें करते हुए ही लेटे रहे। फ़िर सविता बोली- चलो, अब ऊपर कमरे में चलते हैं, नहीं तो मम्मी पापा शक करेंगे।
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